ऑपरेशन सिंदूर पर होगी महाबहस
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार को भी जबरदस्त हंगामा किया, जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं विपक्ष की मांग पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लोकसभा में 28 जुलाई और राज्यसभा में 29 जुलाई को चर्चा होगी। दोनों सदनों में बहस के लिए 16-16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी। पिछले 3 दिनों से विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर, बिहार वोटर वेरिफिकेशन जैसे मुद्दों पर हंगामा कर रहा है। तीन दिनों में दोनों सदनों में लगातार एक-आधे घंटे भी कार्यवाही नहीं चल सकी।
बुधवार को लोकसभा में बिहार वोटर वेरिफिकेशन मुद्दे पर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में चले आए। उन्होंने काले कपड़े लहराए। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा- आप सडक़ का व्यवहार संसद में न करें। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले बिहार में मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) वापस लेने की मांग को लेकर विपक्ष के लोकसभा में भारी हंगामे के कारण बुधवार को प्रश्न काल और शून्य काल नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई। दोपहर 12 बजे कार्यवाही पुन: शुरू होने पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसआईआर वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कई विपक्षी सदस्य इसी मांग से संबंधित नारे लिखी हुई तख्तियां लिये हुए थे। विपक्षी सदस्य सदन के बीचोबीच भी आकर शोरशराबा कर रहे थे। अध्यक्ष ने सख्त लहजे में कहा कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सदस्यों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हर विषय पर नियम प्रक्रिया के तहत सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि संसद हमारी गौरवशाली लोकतंत्र की संस्था है। संसद और संसद परिसर में सदस्यों का व्यवहार मर्यादित होना चाहिए। देश की जनता ने उन्हें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा करने के लिए यहां चुनकर भेजा है। उन्होंने कहा कि सदस्य सडक़ों का आचरण संसद में कर रहे है। देश सदस्यों का आचरण देख रहा है। अध्यक्ष के आग्रह के बावजूद हंगामा नहीं रुका तो सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी गई।
ट्रम्प सीजफायर कराने वाले कौन
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे को लेकर सरकार पर निशाना साधा। संसद में मानसून सत्र में भाग लेने के बाद राहुल ने पूछा कि ट्रम्प के दावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं। राहुल ने कहा कि ट्रम्प 25 बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने सीजफायर करवाया। वह कौन हैं? यह उनका काम नहीं है। भारत के प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं। उन्होंने एक बार भी ट्रम्प के दावों का जवाब नहीं दिया। उन्हें सिर्फ विदेश यात्रा करने का समय मिल रहा है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा की थी। इस सच को कोई नहीं बदल सकता। इसलिए, प्रधानमंत्री क्या बोलेंगे। कैसे बताएंगे कि ट्रम्प ने पाकिस्तान के साथ समझौता करवाया है? वह कह नहीं सकते, लेकिन यह सच पूरी दुनिया जानती है। उन्होंने आगे कहा कि पीएम ने हमारी विदेश नीति को बर्बाद कर दिया है। आप उंगलियों पर गिन भी नहीं सकते कि कितने देशों ने हमारा समर्थन किया है। किसी ने भी हमारा समर्थन नहीं किया है। यह सिर्फ सीजफायर की बात नहीं है। रक्षा, रक्षा निर्माण और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े कई बड़े मुद्दे हैं, जिन पर हम सदन में चर्चा करना चाहते हैं।
वोटर लिस्ट रिवीजन पर संसद में नहीं होगी चर्चा
मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण और सत्यापन के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है। इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदन नहीं चल पा रहे हैं। विपक्ष बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण को वापस लेने की मांग कर रहा है, संसद में चर्चा चाह रहा है। अब खबर है कि संसद में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। सरकार के टॉप सूत्रों का कहना है कि सरकार चुनाव आयोग की ओर से जवाब नहीं दे सकती। सरकार चुनाव आयोग की ओर से कैसे बोल सकती है। सरकार के शीर्ष सूत्रों ने स्पष्ट कहा कि संसद में एसआईआर पर कोई चर्चा नहीं होगी। बिहार में वोटर लिस्ट का एसआईआर चुनाव आयोग की ओर से कराया जा रहा है, सरकार की ओर से नहीं। गौरतलब है कि बिहार में चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण और सत्यापन के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत एसआईआर के लिए अब दो दिन का समय बाकी रह गया है। चुनाव आयोग की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक इस अभियान के तहत अब तक सूबे के 98।01 प्रतिशत वोटर कवर किए जा चुके हैं। बिहार की वोटर लिस्ट में 20 लाख नाम ऐसे पाए गए हैं, जिन मतदाताओं का निधन हो चुका है। वहीं, आठ लाख ऐसे मतदाताओं को भी चिह्नित किया गया है, जिनका पता अब बदल चुका है। कुल मिलाकर 50 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए जाने की जानकारी चुनाव आयोग की ओर से दी जा चुकी है।