अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने दुनियाभर में कई देशों की नींद उड़ा रखी है. अमेरिका की कमान संभालने के बाद उन्होंने साफ़ कर दिया था कि वो कई देशों पर टैरिफ लगाएंगे. अपने टैरिफ वॉर के जरिए ट्रंप ने सबसे पहले चीन को निशाना बनाया था. लेकिन अब उन्होंने इस मामले में यू-टर्न ले लिया है.

चीन पर मेहरबान हुए ट्रंप

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को संकेत दिया कि वे चीनी कंपनी बाइटडांस को शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक की बिक्री के लिए चीन पर लगाए गए टैरिफ में कटौती करने पर विचार कर सकते हैं. बाइटडांस को 5 अप्रैल तक एक गैर-चीनी खरीदार खोजने की समयसीमा दी गई है; अन्यथा, राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लग सकता है. ट्रंप पहले भी कई मौकों पर टैरिफ को अमेरिका के लिए अहम बता चुके हैं उनका मानना है कि ये टैरिफ न सिर्फ अमेरिका की इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर डालेगा बल्कि देश का कर्ज भी कम करेगा. उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद ही साफ़ कर दिया था कि उनकी रणनीति मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की है.

TikTok के बदले टैरिफ में छूट

ट्रंप ने कहा कि यदि इस समयसीमा तक कोई समझौता नहीं होता है, तो वे समयसीमा बढ़ाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “टिकटॉक के संबंध में, चीन को इसमें भूमिका निभानी होगी, संभवतः अनुमोदन के रूप में, और मुझे लगता है कि वे ऐसा करेंगे. शायद मैं इसे पूरा करने के लिए टैरिफ में थोड़ी कटौती दूं.”

ट्रंप प्रशासन पहले भी टिकटॉक के स्वामित्व को लेकर वार्ता में टैरिफ का उपयोग एक वार्ताकर्ता उपकरण के रूप में कर चुका है. जनवरी में, ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि बीजिंग टिकटॉक के साथ अमेरिकी समझौते को मंजूरी नहीं देता है, तो वे चीन पर टैरिफ लगा सकते हैं.

उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने उम्मीद जताई है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के स्वामित्व को लेकर एक समझौते की सामान्य शर्तें 5 अप्रैल तक तय हो जाएंगी. टिकटॉक, जिसे लगभग 17 करोड़ अमेरिकी उपयोग करते हैं, का भविष्य इस बिक्री पर निर्भर करता है.