बिहार: बिहार में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 30 मई, 2025 को कहा कि जब बिहार आया तो वचन दिया था कि जिन लोगों ने बेटियों का सिंदूर उजाड़ा है, उन्हें मिट्टी में मिला देंगे. अब मैं अपना वचन पूरा करने के बाद फिर आया हूं. काराकाट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न तो रुकी है और न थमी है.

पीएम मोदी ने कहा, "अभी पहलगाम में आतंकी हमला हुआ. कितने निर्दोष नागरिक मारे गए. इस जघन्य आतंकी हमले के बाद एक दिन के बाद मैं बिहार आया था और मैंने बिहार की धरती से देश को वादा किया था, वचन दिया था, बिहार की धरती पर आंख में आंख मिलाकर हमने कह दिया था. आतंक के आकाओं के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. बिहार की धरती पर मैंने कहा था उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी. आज जब मैं बिहार आया हूं तो अपने वचन पूरा करने के बाद आया हूं. इन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाडा़ था. हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया है. ये नया भारत है, ये नए भारत की ताकत है."

भारत ने अभी अपने तरकश से सिर्फ एक तीर निकाला है
उन्होंने कहा, "बिहार वीर कुंवर सिंह जी की धरती है. यहां के हजारों नौजवान देश की सुरक्षा के लिए अपनी जवानी खपा देते हैं. ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने हमारी बीएसएफ का भी अभूतपूर्व पराक्रम देखा. हमारी सीमाओं पर तैनात बीएसएफ के जांबाज सुरक्षा की अभेद्य चट्टान हैं. बिहार के शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं. बिहार की धरती से दोहराना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत की जो ताकत दुश्मन ने देखी है. दुश्मन समझ लें, ये तो हमारे तरकश का केवल एक ही तीर है. आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न रुकी है, न थमी है. आतंक का फन अगर फिर उठेगा तो भारत उसे बिल से खींचकर कुचलने का काम करेगा. हमारी लड़ाई देश के हर दुश्मन से है. फिर वो चाहे सीमा पार हो या देश के भीतर हो.

हिंसा और अशांति फैलाने वालों का कर रहे खात्मा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "बीते सालों में हमने हिंसा और अशांति फैलाने वालों का कैसे खात्मा किया है, बिहार के लोग इसके साक्षी हैं. कुछ साल पहले तक सासाराम, कैमूर और आसपास के इन जिलों में क्या हालात थे. नक्सलवाद कैसे हावी था. इन लोगों का बाबा साहब के संविधान पर कोई विश्वास नहीं था. 2014 के बाद से हमने इस दिशा में और तेजी से काम किया. हमने माओवादियों को उनके किए की सजा देनी शुरू की. जब शांति होती है तभी विकास के रास्ते खुलते हैं."